36+ Hours in Line - Life Outside AIIMS is Hell Rahul Gandhi

36+ Hours in Line – Life Outside AIIMS is Hell Rahul Gandhi

Life Outside AIIMS is Hell Rahul Gandhi

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Life Outside AIIMS is Hell Rahul Gandhi: यह एक गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है, जो देश के स्वास्थ्य तंत्र की वास्तविकता को उजागर करता है। AIIMS जैसे संस्थान देश के लाखों लोगों की आखिरी उम्मीद होते हैं, लेकिन अगर वहां भी मरीजों को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़े, तो यह न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की विफलता को दर्शाता है, बल्कि सामाजिक असमानता और प्रशासनिक लापरवाही का भी प्रतीक है।

कुछ प्रमुख सवाल और सुझाव जो इस समस्या पर उठते हैं:

मरीजों के लिए बुनियादी सुविधाएं:

इलाज के लिए आए मरीजों और उनके परिजनों के लिए ठहरने, भोजन और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं क्यों नहीं हैं?
केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर इस पर त्वरित योजना बनानी चाहिए, जैसे कि अस्थायी आवास और भोजन वितरण केंद्र स्थापित करना।

स्वास्थ्य सेवाओं का विकेंद्रीकरण:

AIIMS जैसे संस्थानों पर अत्यधिक दबाव इस बात का संकेत है कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त नहीं हैं। क्षेत्रीय चिकित्सा संस्थानों को सशक्त और अपग्रेड करना अत्यावश्यक है।

समर्पित हेल्पलाइन और प्रबंधन प्रणाली:

AIIMS में मरीजों के अपॉइंटमेंट और प्राथमिक उपचार के लिए एक व्यवस्थित और डिजिटल प्रणाली होनी चाहिए, ताकि लंबी कतारों और इंतजार को कम किया जा सके।

सरकारी जवाबदेही:

केंद्र और दिल्ली सरकार को इस स्थिति का समाधान निकालने के लिए जवाबदेही तय करनी चाहिए। यह मानवीय संकट है और इसे केवल राजनीतिक बहस तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए।
लोगों का दर्द और संघर्ष इस बात की याद दिलाता है कि एक मजबूत और सुलभ स्वास्थ्य तंत्र किसी भी समाज के लिए कितना महत्वपूर्ण है। यदि इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया, तो यह न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में असफलता को दर्शाएगा, बल्कि नागरिकों का विश्वास भी कम करेगा।

Full Video Life Outside AIIMS is Hell Rahul Gandhi

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